Wednesday 11 February 2015

diiwangi......

ये दीवानगी है मेरी, या के है याद तेरी,
आईने में भी मुस्कुरा रहा है तू मेरे,
मेरी तन्हाईयों की अनकही सदा हो तुम, 
जग के काटी थी जो उस रात की वजह हो तुम,
ये तेरी शख्सियत है,
या है बेखुदी मेरी,
हर एक कलाम में समा रहा है तू मेरे,
तू  मेरा नाम ले तो दुनिया खूबसूरत है,
तू मेरे साथ हो तो और क्या जरूरत है,
मेरी आँखों में रहते,
सपनो में समय हो तुम,
हर कदम साथ चल रहे हो ज़िन्दगी में मेरी 
जब करू बंद पलके तो भी तू नज़र आये,
दुनिया की भीड़ में दिल तुझको देखना चाहे,
दिल्लगी नाम दू मैं,
या के  मोहोब्बत मेरी,
मुझसे सपने भी अब चुरा रहा है तू मेरे,
ये दीवानगी है मेरी या के है याद तेरी,
आईने में भी मुस्कुरा रहा है तू मेरे. 

-- निमीशा 


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