मैं एक घाना बरगद का पेड़ ,
सदियों से मैं इसी राह पर रहा खड़ा ,
आते जाते पंथी देखे,
उड़ते गाते पंछी देखे,
सबकी आँखों में सपने थे उची उड़ान के,
उन सपनो का साक्ष्य अकेला बना यहाँ,
मैं एक घना बरगद का पेड़,
सदियों से मैं इसी राह पर रहा खड़ा,
थी अगणित जो मुझपर लिपटी थी लताएं,
फिर भी उस नन्हे से बीज को,
दे आश्रय मैंने किया बड़ा,
मैं एक घना बरगद का पेड़,
सदीओ से मैं इसी राह पर रहा खड़ा.
सदियों से मैं इसी राह पर रहा खड़ा ,
आते जाते पंथी देखे,
उड़ते गाते पंछी देखे,
सबकी आँखों में सपने थे उची उड़ान के,
उन सपनो का साक्ष्य अकेला बना यहाँ,
मैं एक घना बरगद का पेड़,
सदियों से मैं इसी राह पर रहा खड़ा,
थी अगणित जो मुझपर लिपटी थी लताएं,
फिर भी उस नन्हे से बीज को,
दे आश्रय मैंने किया बड़ा,
मैं एक घना बरगद का पेड़,
सदीओ से मैं इसी राह पर रहा खड़ा.
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